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Yoni-Pradah "योनि-प्रदाह" ka Homeopathy Upchar.

योनि-प्रदाह 
Yoni-Pradah



परिचय- योनि में जलन का रोग दो प्रकार का होता है- नया योनि-प्रदाह और पुराना योनि प्रदाह। नया योनि प्रदाह- नए योनि प्रदाह का रोग अक्सर स्त्रियों को ठंड लग जाने के कारण या ठंड लगने के साथ बुखार आने पर हो जाता है। लक्षण- नए योनि प्रदाह रोग के लक्षणों में रोगी स्त्री को कमर, जांघ और नितंब-प्रदेश में भारीपन सा महसूस होता है, योनि में से श्लेष्मा निकलता है, पेशाब करने में परेशानी होती है। नए योनि प्रदाह रोग में विभिन्न औषधियों का प्रयोग- 

1. ऐकोनाइट- अगर रोगी स्त्री की योनि में ठंड लग जाने के कारण या पूरे शरीर में ठंड बैठ जाने के कारण से योनि में सूजन आती हो तो उसे ऐकोनाइट औषधि की 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है। 

2. मर्क-सोल- रोगी स्त्री की योनि में सूजन आ जाना, दर्द होना, योनि ऐसी लगती है जैसे कि छिल गई हो, खुजली होती है, पेशाब आता रहता हो जैसे लक्षणों में अगर मर्क-सोल औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना उचित रहता है। 

3. आर्निका- अगर किसी कारण से स्त्री की योनि में चोट पहुंचती है जैसे बच्चे को जन्म देने के बाद या जोर-जबरदस्ती करने के कारण तो उसे आर्निका औषधि की 200 शक्ति का सेवन कराना चाहिए। 

4. सीपिया- अगर प्रदर रोग के कारण योनि में सूजन आ जाती है तो रोगी स्त्री को सीपिया औषधि की 200 शक्ति देने से लाभ मिलता है। 

5. कैन्थारिस- योनि की सूजन में अगर पेशाब करते समय जलन महसूस होती हो तो रोगी स्त्री को कैन्थरिस औषधि की 6 शक्ति देना लाभकारी रहता है। 

6. पुराना योनि प्रदाह- पुरानी योनि प्रदाह (योनि की सूजन) में योनि के अन्दर की झिल्ली नीली या लाल रंग की हो जाती है, योनि के अन्दर खुजली होती है, योनि ढीली पड़ जाती है, योनि में से सफेद या पीले रंग का प्रदर-स्राव (पानी आना) होता रहता है। पुराने योनि प्रदाह (योनि की सूजन) होने पर विभिन्न औषधियों चिकित्सा - 

7. मर्क-सोल- मर्क-सोल औषधि को नई और पुरानी दोनों ही तरह की योनि में सूजन होने पर चिकित्सा के लिए प्रयोग में लिया जा सकता है। योनि में सूजन आना, दर्द होना, योनि छिलती हुई सी महसूस होना, खुजली होना, पेशाब का बार-बार आना आदि लक्षणों में मर्क-सोल औषधि की 6 या 30 शक्ति लाभ करती है। 

8. सीपिया- सीपिया औषधि पुरानी योनि प्रदाह के रोग में बहुत अच्छा लाभ करती है। पुरानी योनि प्रदाह में इस औषधि की 2x मात्रा का सेवन किया जा सकता है। 

9. बोरैक्स- अगर पुराने योनि प्रदाह के रोग में रोगी स्त्री की योनि में से बहुत ज्यादा मवाद निकलने लगती है तो उसे बोरैक्स औषधि की 2x मात्रा देना लाभकारी रहता है। 

10. नाइट्रिक-ऐसिड- पुराने योनि प्रदाह के रोग में अगर योनि में से मवाद निकले, जलन हो, जख्म पैदा हो जाए, फुंसियां निकल आए तो ऐसे लक्षणों में रोगी स्त्री को नाइट्रिक-ऐसिड औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग करना चाहिए। अगर किसी स्त्री ने ज्यादा पारे से बनी हुई औषधियों का सेवन किया हुआ हो जिसके कारण उसकी योनि में प्रदाह हो जाती है उस समय इस औषधि का सेवन करने से पारे के सारे दोष समाप्त हो जाते हैं।



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