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Yoni ki Jalan aur Khujli "योनि की जलन और खुजली" Complete Ayurvedic Health Tips on Mahila Rog in Hindi.

 

योनि की जलन और खुजली
Vaginitis


भग प्रदाह, भग की खुजली (योनि की जलन और खुजली) (Vaginitis)   परिचय -कभी-कभी जलन के साथ तो कभी बिना जलन के भग प्रदेश (योनि के आसपास) में खुजली होती है जो कि प्राय: फंगस के कारण होती है। यह कभी-कभी इतनी अधिक होती है कि स्त्री निर्लज्जता के कारण खुजलाने को बाध्य हो जाती है। लक्षण नए योनि प्रदाह रोग के लक्षणों में रोगी स्त्री को कमर, जांघ और नितंब-प्रदेश में भारीपन सा महसूस होता है, योनि में से श्लेष्मा निकलता है, पेशाब करने में परेशानी होती है। 


आयुर्वेद से इलाज 1. छरीला: छरीला के साथ गर्म किया हुआ तिल का तेल लगाने से भग (योनि) की खुजली ठीक हो जाती है। 


2. नागरमोथा: नागरमोथा के फल को पीसकर कपड़े से निचोड़कर प्राप्त रस को लगाने से योनि की खुजली और जलन में बहुत लाभ मिलता है। 


3. हरड़: बड़ी हरड़ की मींगी (बीज, गुठली) और माजू दोनों समान मात्रा में लेकर बारीक पीसकर शीशी में रखें। इस चूर्ण को पानी में घोलकर योनि को धोने से योनि की जलन और खुजली नष्ट हो जाती होती है।


 4. शराब: तेज शराब में रूई की फोहा भिगोकर योनि की कण्डू (खुजली) पर लगाने से शीघ्र ही योनि की जलन और खुजली नष्ट हो जाती है। घरेलू इलाज सुहागा : लगभग 100 मिलीलीटर जल में 4 ग्राम सुहागा घोलकर योनि को धोने से कण्डू (खुजली) में लाभ मिलता है। यह घोल गुदा की खुजली में भी लाभकारी होता है। कपूर : खुजली योनि की हो या अण्डकोष की कपूर आधा ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन करने को दें। साथ ही यशद भस्म और कपूर तेल में घोलकर खुजली वाले स्थान पर लगाना चाहिए। आंवला : आंवले के रस में चीनी मिलाकर प्रतिदिन दो-तीन बार पिलाएं अथवा सूखे आंवले का चूर्ण एक चम्मच की मात्रा में सुबह-शाम मिश्री के शर्बत के साथ सेवन करने से योनि की जलन और खुजली में लाभ मिलता है। 


होमेओपेथी से इलाज 

1. ऐकोनाइट-  अगर रोगी स्त्री की योनि में ठंड लग जाने के कारण या पूरे शरीर में ठंड बैठ जाने के कारण से योनि में सूजन आती हो तो उसे ऐकोनाइट औषधि की 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है। 


2. मर्क-सोल- रोगी स्त्री की योनि में सूजन आ जाना, दर्द होना, योनि ऐसी लगती है जैसे कि छिल गई हो, खुजली होती है, पेशाब आता रहता हो जैसे लक्षणों में अगर मर्क-सोल औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना उचित रहता है। 


3. आर्निका- अगर किसी कारण से स्त्री की योनि में चोट पहुंचती है जैसे बच्चे को जन्म देने के बाद या जोर-जबरदस्ती करने के कारण तो उसे आर्निका औषधि की 200 शक्ति का सेवन कराना चाहिए। 


4. सीपिया-  अगर प्रदर रोग के कारण योनि में सूजन आ जाती है तो रोगी स्त्री को सीपिया औषधि की 200 शक्ति देने से लाभ मिलता है। नेचरोपैथी से इलाज रोगी स्त्री का उपचार करने के लिए सबसे पहले योनि को साफ ठंडे एक लीटर जल में 6 ग्राम फिटकरी तथा नमक या कागजी नींबू का रस मिलाकर धोना चाहिए। जिसके फलस्वरूप रोगी स्त्री को बहुत अधिक आराम मिलता है। योनि की खुजली ठीक करने के लिए योनि को गरम या ठंडा सेंक बारी-बारी से 15 मिनट तक देने के बाद उस पर गीली मिट्टी की पट्टी करनी चाहिए जिसके फलस्वरूप योनि में खुजली होना तथा दर्द होना बंद हो जाता है। स्त्रियों को अपने इस रोग को ठीक करने के लिए अपनी योनि में गुनगुने पानी का डूश (गर्म पानी में रुई को भिगोंकर) रखना चाहिए, जिसके फलस्वरूप बहुत अधिक लाभ मिलता है। स्त्रियों को अपने इस रोग को ठीक करने के लिए प्रतिदिन फलों का रस पीना चाहिए और सुबह तथा शाम के समय में मेहनस्नान करना चाहिए तथा यदि कब्ज की शिकायत हो तो गुनगुने पानी से एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए।




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