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Masik-Dharam Shuru Hone ki Pehchan "मासिक-धर्म शुरू होने की पहचान" Complete Ayurvedic Health Tips, Ilaj on Mahila Rog in Hindi.

मासिक-धर्म शुरू होने की पहचान 
Masik-Dharam Shuru Hone ki Pehchan



परिचय: जब किसी स्त्री को रजोदर्शन (माहवारी) होने को होता है तो उसके पेडु (नाभि) में भारीपन, कमर में दर्द, बेचैनी, थकावट, शरीर का भारी हो जाना, कभी-कभी शरीर का भार कम हो जाना और शौच की इच्छा बार-बार होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं। इनमें से यदि कुछ चिन्ह दिखाई पड़े तो समझ लेना चाहिए कि मासिक स्राव होने को है। मासिक स्राव हो जाने के बाद प्राय: यह सभी विकार नष्ट हो जाते हैं। यदि मासिक स्राव भी न हो और प्रत्येक महीने यह कष्ट हो तो इसकी चिकित्सा आरम्भ कर देनी चाहिए। चिकित्सा: 


1. अकरकरा: अकरकरा की जड़ का 100 मिलीलीटर काढ़ा सुबह और शाम पीने से मासिक-धर्म ठीक होने लगता है। 


2. सीताफल: सीताफल के बीजों को पीसकर लुगदी बना लें। इस लुगदी को रूई में भिगोकर योनि में रखने से बंद पड़ा हुआ मासिक-धर्म शुरू हो जायेगा। 


3. एरण्ड: एरण्ड के पत्तों को गर्मकर पेट पर बांधने से मासिक-धर्म ठीक से होने लगता है। 


4. अशोक: अशोक की छाल 80 ग्राम लेकर इससे चौगुने पानी में तब तक पकायें जब तक एक चौथाई पानी शेष न रह जाए, इसमें 80 मिलीलीटर दूध डालकर तब तक उबालना चाहिए जब तक सब पानी जल न जाये, उसके बाद छानकर स्त्री को सुबह-शाम पिलायें। इस दूध का मासिक-धर्म के चौथे दिन से तब तक सेवन करना चाहिए, जब तक रक्तस्राव बंद न हो जाये।


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