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Makkal Shul - Jer Atakne Ka Dard "मक्कल शूल -जेर अटकने का दर्द" Complete Ayurvedic Health Tips, Ilaj on Mahila Rog in Hindi.

मक्कल शूल -जेर अटकने का दर्द 
Makkal Shul - Jer Atakne Ka Dard



परिचय: प्रसव यानी डिलीवरी के बाद कुछ विकृतियों के कारण नाभि अथवा बस्ति प्रदेश (नाभि के निचले हिस्सा) में शोथ (सूजन) उत्पन्न हो जाती है। जिससे नाभि के आस-पास में अथवा पूरे पेट में तीव्र वेदना उत्पन्न होती है। इस दशा को मक्कल शूल कहा जाता है। कारण: शिशु तथा जेरनाल योनि से बाहर निकलते ही यदि परिचारिका (दाई) योनि को तुरंत ही भीतर नहीं दबा देती हैं अथवा दबाने में देर कर देती हैं तो वायु प्रसूता की योनि में प्रविष्ट होकर पेडू में दर्द, अफारा और अन्य वायु विकारों को उत्पन्न कर देती है। इस प्रकार के (दर्द) को मक्कल शूल कहा जाता है। लक्षण: मक्कल शूल में पेट का उभार और मूत्रावरोध होने के लक्षण पाये जाते हैं। 


विभिन्न औषधियों से उपचार- 


1. धनिया: 3 ग्राम धनिये के चूर्ण को 4 से 6 ग्राम पुराने गुड़ के साथ दिन में 2 बार सेवन करने से मक्कल का दर्द समाप्त हो जाता है। 


2. शुंठी: शुंठी, कालीमिर्च, पिप्पली फल, दालचीनी चूर्ण, तेजपात का पत्ता, बड़ी इलायची, नागकेशर, तुम्बरू के बीज बराबर मात्रा में मिलाकर 1 से 3 ग्राम की मात्रा में पुराने गुड़ के साथ दिन में 2 बार उपयोग करने से मक्कल शूल नष्ट हो जाता है। 


3. जवाखार: जवाखार का महीन चूर्ण गुनगुने गर्म पानी अथवा घी के साथ पिलाने से मक्कल शूल नष्ट हो जाता है। 


4. सोंठ: सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, दालचीनी, तेजपात, इलायची, नागकेसर तथा धनिया को पुराने गुड़ में मिलाकर खाने से मक्कल शूल नष्ट हो जाता है। 


5. पंचमूल: पंचमूल (पांच जड़ों द्वारा निर्मित औषधि) का काढ़ा बनाकर और उसमें सेंधानमक डालकर सुहाता गर्म पीने से सूतिका रोग दूर हो जाता है। 


6. पीपल: पीपल, पीपलामूल, सोंठ, इलायची, हींग, भारंगी, अजमोद, बच, अतीस, रास्ना और चव्य इन औषधियों की लुगदी अथवा चूर्ण को घी में भूनकर सेवन करने से सूतिका रोग के दोष तथा वेदना नष्ट हो जाती है।


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