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Garbhavastha ke Samay me Tango me Sujan गर्भावस्था के समय में टांगों में सूजन" Complete Ayurvedic Health Tips, Ilaj on Mahila Rog in Hindi.

 गर्भावस्था के समय में टांगों में सूजन 
Swelling of legs During pregnancy



गर्भावस्था के समय में टांगों में सूजन होने पर औषधियों से चिकित्सा :- 


1. एपिस :-  यदि किसी गर्भवती के टांगे सूजकर कड़ी पड़ जाए तथा सूजन वाली जगह मोम सी लग रही हो, हाथ तथा उंगुलियों के सिरे सुन्न पड़ गए हो तो ऐसी स्त्री के इस कष्ट को दूर करने के लिए एपिस औषधि की 3 शक्ति का प्रयोग करना अधिक लाभदायक होता है। 


2. आर्सेनिक :- पैर फूलकर सूज जाए और कड़े पड जाए लेकिन कड़ेपन होते हुए भी चमकें, टांगों तथा पैरों में हर समय थकावट बनी रहें और कमजोरी महसूस हो तो गर्भवती की ऐसी स्थिति में उसके इस रोग को ठीक करने के लिए आर्सेनिक की 30 शक्ति का उपयोग करना उचित होता है। 


3. चायना :-  टांगों में बेचैनी महसूस होना, टांगों को लगातार हिलाते रहने की इच्छा होना, टांगों को समेट कर लेटने की इच्छा होना, पांव सूज जाना उनमें सख्ती आना तथा कड़ापन होना, पेशाब गहरे रंग का आना आदि प्रकार के लक्षण गर्भवती में दिखाई दें तो उसके इस रोग को ठीक करने के लिए चायना औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना फायदेमंद होता है। 


4. फेरम मेट :- गर्भावस्था के समय में टांगों का सख्त होना और भारी हो जाना, पैरों का सूज जाना, चलना शुरू करते समय पैरों में दर्द होना आदि लक्षण हो गया हो तो इन कष्टों को दूर करने के लिए फेरम मेट औषधि की 6 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है। 


5. ब्रायोनिया :- यदि गर्भवती में इस प्रकार के लक्षण दिखाई दें जैसे- टांगों में सूजन शुरू होकर पांवों तक पहुंच जाना, चलते समय या इसके कुछ देर बाद तथा खड़े रहने पर टांगों में सुस्ती आ जाना, लेटने का जी करना ताकि कुछ आराम मिल सकें। ऐसी स्त्री के इस प्रकार के कष्टों को दूर करने के लिए ब्रायोनिया औषधि की 30 शक्ति का प्रयोग करना लाभदायक होता है।


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