स्त्री की यौन उत्तेजना को नियंत्रित करना
Nymphomania Erotomania
परिचय- कभी-कभी स्त्रियों में यौन उत्तेजना बहुत तेज हो जाती है खासकर कच्ची उम्र की लड़कियों में। यह एक प्रकार का रोग है। इसमें यौन उत्तेजना इतनी तेज हो जाती है कि स्त्री हर किसी को आलिंगन करना चाहती है।
होमेओपेथी से इलाज
1. सैलिक्स-नाइग्रा- अगर किसी स्त्री या पुरुष की यौन उत्तेजना बहुत तेज हो जाती है तो सैलिक्स-नाइग्रा औषधि के रस की 30 से 60 बूंदों का सेवन करने से यौन उत्तेजना कम हो जाती है।
2. प्लैटिना- स्त्रियों में यौन उत्तेजना बहुत तेज हो जाती है खासकर जिन लड़कियों की शादी ना हुई हो, लड़कियों की कच्ची उम्र में ही यौन उत्तेजना इतनी तेज हो जाती है कि वह हर किसी को आलिंगन करना चाहती है। स्त्री के जननांग इतने नाजुक होते हैं कि अगर कोई उनको जरा सा भी छू देता है तो स्त्री बेहोश हो जाती है, ऐसी स्त्रियां मैथुन करने से बेहोश हो जाती है। इस तरह के लक्षणों में रोगी को प्लैटिना औषधि की 3x मात्रा या 30 शक्ति देने से लाभ मिलता है।
3. म्युरैक्स- अगर जननांगों को जरा सा भी छू लिया जाता है तो यौन उत्तेजना तेज हो जाती है। स्त्री के जननांगों पर म्युरैक्स औषधि का बहुत अच्छा असर होता है। रोगी को अपना पेट खाली सा और ऐसा महसूस होता है जैसे कि अन्दर की ओर धंस रहा हो, स्त्री को अपना गर्भाशय और भग बाहर निकलते हुए से मालूम होते हैं जिसके कारण स्त्री को अपनी टांग के ऊपर टांग रखकर बैठना पड़ता है। इस प्रकार के लक्षणों में अगर रोगी को म्युरैक्स औषधि की 3 या 30 शक्ति दी जाए तो लाभ मिलता है।
4. कैलेडियस- स्त्री की योनि में किसी कीड़े के पहुंचने के कारण खुजली होती है जिसको करते समय स्त्री की यौन उत्तेजना बहुत तेज हो जाती है। इन लक्षणों में अगर रोगी स्त्री को कैलेडियस औषधि दी जाए तो उसको इससे बहुत आराम मिलता है।
5. कैन्थरिस- रोगी की संभोग करने की इच्छा का बहुत ज्यादा तेज हो जाना, जननेन्द्रिय में इतनी तेज उत्तेजना होती है कि इसके कारण उत्तेजित-इन्द्रि में दर्द होने लगता है, संभोग करने के बाद भी इस प्रकार की उत्तेजना शांत नहीं होती है। इस प्रकार के लक्षणों में रोगी को कैन्थरिस औषधि की 6 या 30 शक्ति देनी चाहिए।
6. हायोसाएमस- रोगी की यौन उत्तेजना इतनी तेज हो जाती है कि रोगी स्त्री गंदी-गंदी हरकते करने लगती है, दूसरों के सामने अपने गुप्तांगों को दिखाती रहती है, उसे किसी तरह की शर्म नहीं रहती है। ऐसी स्त्री के इस रोग को ठीक करने के लिए हायोसाएमस औषधि की 6, 30 या 200 शक्ति का प्रयोग किया जा सकता है।
7. फॉसफोरस- रोगी की जननेन्द्रिय में बहुत तेज उत्तेजना होना, रोगी के मन में बहुत ही अश्लील विचार आते रहते हैं जिनको वो दिमाग से निकालना भी चाहे तो नहीं निकाल नहीं पाती है, रोगी अपने गुप्तांगों को खोलकर घूमती रहती है। इस तरह के लक्षणों में फॉसफोरस औषधि की 30 शक्ति का सेवन करना चाहिए।
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