ग्वारपाठे के लाभ
Benefits of Aloe Vera
1. जलना :- शरीर के जले हुए स्थान पर ग्वारपाठे का गूदा बांधने से फफोले नहीं उठते तथा तुरन्त ठंडक पहुंचती है।
ग्वारपाठे के पत्तों के ताजे रस का लेप करने से जले हुए घाव भर जाते हैं।
घी ग्वार के पत्ते को चीरकर इसके गूदे को निकालकर त्वचा पर दिन में 2-3 बार लगाने से जलन दूर होकर ठंडक मिलती है और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है।
ग्वारपाठा के छिलके को उतारकर इसे पीस लें फिर शरीर के जले हुए भाग पर लेप करें इससे जलन मिट जाती है और जख्म भी भर जाता है।
ग्वारपाठे के गूदे के चार भाग में दो भाग शहद मिलाकर जले हुए भाग पर लगाने से आराम मिलता है।
आग से जले हुए भाग पर ग्वारपाठे का गूदा लगाने से जलन शांत हो जाती है और फफोले भी नहीं उठते हैं।
2. सिर दर्द :- ग्वारपाठे का रस निकालकर उसमें गेहूं का आटा मिलाकर उसकी 2 रोटी बनाकर सेंक लें। इसके बाद रोटी को हाथ से दबाकर देशी घी में डाल दें। इसे सुबह सूरज उगने से पहले इसे खाकर सो जाएं। इस प्रकार 5-7 दिनों तक लगतार इसका सेवन करने से किसी भी प्रकार का सिर दर्द हो वह ठीक हो जाता है।
सिर में दर्द होने पर ग्वारपाठे के गूदे में थोड़ी मात्रा में दारुहरिद्रा का चूर्ण मिलाकर गर्म करें और दर्द वालें स्थान पर इसे लगाकर पट्टी कर लें इससे दर्द ठीक हो जाएगा।
3. गंजापन :- लाल रंग का ग्वारपाठा (जिसमें नारंगी और कुछ लाल रंग के फूल लगते हैं) के गूदे को स्प्रिट में गलाकर सिर पर लेप करने से बाल काले हो जाते हैं तथा गंजे सिर पर बाल उगने लगते हैं।
4. कुत्ते के काटने पर :- ग्वारपाठे को एक ओर से छीलकर इसके गूदे पर पिसा हुआ सेंधानमक डालें, फिर इसे कुत्ते के काटे हुए स्थान पर लगा दें। इस प्रयोग को लगातार दिन में 4 बार करने से लाभ मिलता है।
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