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Easy Ayurvedic Home remedies for "Cough", "आयुर्वेद में खांसी का उपचार " Ayurvedic Health Tips by Experts.

आयुर्वेद में खांसी का उपचार 
Treatment of Cough in Ayurveda


आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति मे हर बीमारी का इलाज है। कुछ बीमारियां ऐसी हैं जिनका आयुर्वेद में स्थायी इलाज है। आयुर्वेद की सहायता से कई भयंकर बीमारी को स्थायी रूप से दूर किया जा सकता है। आयुर्वेद में खांसी का उपचार भी मौजूद है। आइए जानें आयुर्वेद में खांसी के उपचार के बारे में।


खांसी होने के कारण

आमतौर पर खांसी होने का मतलब है कि हमारा श्वसन तंत्र ठीक से काम नहीं कर रहा है। साथ ही खांसी गले में कुछ तकलीफ होने की और भी इशारा करता है।

हालांकि यह साबित हो चुका है कि तीन हफ्ते से ज्यादा खांसी होने पर टीबी की जांच करवा लेनी चाहिए क्योंकि लापरवाही बरतने से खांसी बढ़कर टीबी का रूप ले सकती है।

खांसी होने पर पानी पीना चाहिए या फिर पीठ को सहलाने से आराम मिलता है।

खाना खाते या बोलते समय खांसी आए तो खाने को धीरे-धीरे छोटी-छोटी बाइट में खाना चाहिए।

खांसी होने पर खांसी को रोकने के लिए आमतौर पर मूंगफली,चटपटी व खट्टी चीजें, ठंडा पानी, दही, अचार, खट्टे फल, केला, कोल्ड ड्रिंक, इमली, तली-भुनी चीजों को खाने से मना किया जाता है।


 आयुर्वेद में खांसी का उपचार


खांसी का उपचार जितनी जल्दी हो जाएं उतना बेहतर है। आयुर्वेद में खांसी का स्थायी इलाज भी मौजूद हैं। आयुर्वेद के अनुसार, जब कफ सूखकर फेफड़ों और श्वसन अंगों पर जम जाता है तो खांसी होती है। आयुर्वेद की औषधिंयां खांसी में इतनी प्रभावशाली होती हैं कि इन्हें कोई भी आसानी से ले सकता है।


सूखी खांसी होने पर अमृर्ताण्व रस सुबह-शाम पानी से लेनी चाहिए।

सितोपलादि चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से खांसी में आराम मिलता है।

तालिसादि चूर्ण दिन भर में दो-तीन बार लेने से खांसी में कमी आती है।

हल्दी, गुड़ और पकी फिटकरी का चूर्ण मिलाकर गोलियां बनाकर लेने से खांसी कम होती है।

तुलसी, काली मिर्च और अदरक की चाय खांसी में सबसे बढि़या रहती हैं।

गुनगुने पानी से गरारे करने से गले को भी आराम मिलता है और खांसी भी कम होती है।

सूखी खांसी में काली मिर्च को पीसकर घी में भूनकर लेना भी अच्छा रहता है।

कुछ गोलियों को चूसने से भी खांसी में आराम मिलता है।

चंदामृत रस भी खांसी में अच्छा रहता है।

हींग, त्रिफला, मुलहठी और मिश्री को नीबू के रस में मिलाकर लेने से खांसी कम करने में मदद मिलती है।

त्रिफला और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से भी फायदा होता है।

गले में खराश होने पर कंठकारी अवलेह आधा-आधा चम्मच दो बार पानी से या ऐसे ही लें।

पीपली, काली मिर्च, सौंठ और मुलहठी का चूर्ण बनाकर चौथाई चम्मच शहद के साथ लेना अच्छा रहता है।

पान का पत्ता और थोड़ी-सी अजवायन पानी में चुटकी भर काला नमक व शहद मिलाकर लेना भी खांसी में लाभदायक होता है। खासकर बच्चों के लिए।

बताशे में काली मिर्च डालकर चबाने से भी खांसी में कमी आती है।

खांसी से बचने के सावधानी बरतते हुए फ्रिज में रखी ठंडी चीजों को न खाएं। धुएं और धूल से बचें। खांसी के आयुर्वेदिक इलाज के लिए जरूरी है कि किसी अनुभवी चिकित्सक से संपर्क किया जाएं। अपने आप आयुर्वेदिक चीजों का सेवन विपरीत प्रभाव भी डाल सकता है।






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