नाक के रोग
Nose Disease
जानकारी:
आयुर्वेद के मुताबिक नाक के रोग 15 तरह के होते हैं। जिनमें प्रमुख रोग है- पीनस, नाक से बदबू आना, नाक का पकना, नाक से मवाद के साथ खून आना, ज्यादा छींके आना, नाक से पूयसंचित गंदा गाढ़ा कफ (बलगम) निकलना, नाक में ज्यादा जलन और धुएं जैसी हवा निकलना, नाक से पीला, सफेद, पतला या गाढ़ा पदार्थ निकलना, नाक में सूजन, सांस लेने में परेशानी आदि।
विभिन्न भाषाओं में नाम:
हिन्दी नाक के रोग
अंग्रेजी डिसीसेज आफ दी नोज
पंजाबी नाक दे रोग
बंगाली नासारोग
गुजराती नाक ना रोग
कन्नड़ मुनीगा रोग
मलयालम नासारोगम्, नाकाचे रोग
उड़िया तीखयाड़िपा
तमिल मुक्कु नोय
तेलगू मुक्कुरोगमूल
विभिन्न औषधियों से उपचार :
1. सोंठ:
लगभग 4-4 ग्राम सोंठ, छोटी पीपल और छोटी इलायची के बीज और 80 ग्राम पुराने गुड़ को एक साथ पीसकर और छानकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण की 2-2 ग्राम की छोटी गोलियां बनाकर रख लें। यह एक गोली रोजाना रात को खाने से जुकाम का रोग ठीक हो जाता है।
सोंठ, कूठ, छोटी पीपल, बेल और दाख को बराबर मात्रा में लेकर किसी पत्थर पर पीसकर चटनी जैसा बना लें। इन सब चीजों का काढ़ा भी बना कर रख लें। उसके बाद इस चटनी और काढ़े से आधा तेल लें लें और उस तेल में चटनी और काढ़े को डालकर आग पर पकाने के लिये रख दें। पकने के बाद जब सिर्फ तेल ही बाकी रह जाये तो इसे उतारकर छान लें। इस तेल को नाक में डालने से बार-बार छींके आने का रोग ठीक हो जाता है।
2. गुड़: अगर जुकाम अभी ही हुआ है तो तुरंत गुड़ और दही में कालीमिर्च मिलाकर खाने से जुकाम ठीक हो जाता है।
3. दूब: दूब (घास) को किसी पत्थर पर पीसकर कपड़े में रखकर निचोड़कर लगभग 1 किलों के करीब इसका रस निकाल लें। इसके बाद इसे कड़ाही में डालकर उसमें लगभग साढ़े चार लीटर ग्राम तेल डालकर पकाने के लिये रख दें। पकने के बाद जब तेल बाकी रह जाये तो इसे उतार कर छान लें। इस तेल को रोजाना नाक मे डालने से मुंह और नाक से गंदी हवा निकलने का रोग ठीक हो जाता है।
4. दूब हरी: नाक से खून निकले तो ताजा व हरा दूब का रस दो-दो बून्द नाक के नथुनों में टपकाने से खून बंद हो जायेगा।
5. कटेरी:
सिर के बालों को पूरी तरह से साफ कराके उसके ऊपर कटेरी के पत्तों को पीसकर लगाने से नाक के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।
6. तसतुम्बे: तसतुम्बे के पके हुए फल को नारियल के तेल के साथ गर्म करके लगाने से नाक की फुंसियां ठीक हो जाती है।
7. पीपल:
पीपल के नये मुलायम पत्तों या उसकी छाल को पीसकर उसका रस निकाल लें। लगभग 3 से 4 घंटे के बाद यह रस लगभग 6-6 मिलीलीटर रोगी को देने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
छोटी पीपल, देवदारु, दूब (घास), करंज, सेंधानमक, घर के धुंए का धुआंसा और अपामार्ग (चिरचिटा) के बीज को बराबर मात्रा में लेकर किसी पत्थर पर पीसकर चटनी बना लें। फिर इस चटनी से चार गुना तेल और तेल से चार गुना पानी लेकर आग पर पकाने के लिए रख दें। पकने के बाद बस तेल बाकी रह जाने पर इसे उतारकर छान लें। इस तेल को नाक में डालने से नाक के अन्दर के मस्से ठीक हो जाते हैं।
8. तुलसी:
तुलसी, बच, सोंठ, कालीमिर्च, दन्ती की जड़, कटेरी की जड़, सहजन की छाल, सेंधानमक और छोटी पीपल को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ मिलाकर बारीक पीसकर चटनी की तरह बना लें। इस चटनी को 4 गुना तेल और 16 गुना तेल में डालकर आग पर पकाने के लिये रख दें। पकने के बाद जब तेल बाकी रह जाये तो इसे छानकर रख दें। इस तेल को नाक मे डालने से नाक और मुंह से गंदी हवा का निकलना बंद हो जाता है।
तुलसी के पत्तों का रस नाक में डालने से नाक की दुर्गंध दूर हो जाती है तथा नाक के कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं।
तुलसी के पत्तों का रस या सूखे हुए पत्तों को सूंघने से नाक की दुर्गंध दूर होकर पीनस रोग दूर हो जाता है और नाक के पीनस के कृमि मर जाते हैं।
9. घी: घी, गूगल और मोम को आग में डालकर उसका धुंआ नाक में लेने से छींके आना ओर नाक में से गाढ़ा और खारा बलगम निकलना बंद हो जाता है।
10. धनिया: हरे धनिये की पत्ती और सफेद चन्दन को पीसकर नाक से सूंघने से बार-बार छींक आना बंद हो जाती है।
11. कुलिंजन: कुलिंजन को किसी कपड़े में बांधकर नाक से सूंघने से छींके आना रुक जाती है।
12. गूलर: गूलर का पेड़, शाल पेड़, अर्जुन पेड़, और कूड़े की छाल को बराबर मात्रा में लेकर पानी के साथ पीसकर चटनी की तरह बना लें। इन सब चीजों का काढ़ा भी बनाकर रख लें। इसके बाद पहले बनी हुई चटनी से 4 गुना ज्यादा घी और घी से 4 गुना ज्यादा काढ़े को कढ़ाही में डालकर पकाने के लिये रख दें। पकने पर जब बस घी बाकी रह जाये तो इसे उतारकर छान लें। अगर नाक पक गई हो तो इस घी को लगाने से बहुत जल्दी आराम आता है।
13. मेथी: 250 मिलीलीटर दूध में 3 ग्राम दाना मेथी को मिलाकर उबालने के लिए रख दें। उबलने पर 5-7 उबाल आने पर उतारकर रख लें। दूध को ठंडा होने पर छानकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से नाक से खून बहना बंद हो जाता है।
14. नीम: नीम और रसौत को नाक मे डालने से और माथे पर दूध और पानी लगाने से नाक मे से धुंए जैसी हवा का निकलना और नाक के अन्दर जलन महसूस होना जैसे रोग दूर हो जाते हैं।
15. चमेली: चमेली के फूल सूंघने से नाक के अन्दर की फुंसियां ठीक हो जाती हैं।
16. आम: रोगी के नाक में आम की गुठली की गिरी का रस एक बूंद टपकाने से नाक से खून का बहना बंद हो जाता है।
17. गाजर: 250 मिलीलीटर गाजर और पालक का रस रोजाना पीने से नाक और गले के रोग ठीक हो जाते हैं।
18. कालीमिर्च: कालीमिर्च को दही और पुराने गुड़ में मिलाकर पिलाने से नाक से गिरने वाला खून बंद हो जाता है।
19. केला: नाक से खून आने पर 2 केलों के साथ 1 गिलास दूध में शक्कर मिलाकर 10 दिन पीने से लाभ होता है।
20. अमलतास: अमलतास के पत्ते और छाल को पीसकर नाक की छोटी-छोटी फुन्सियों पर लगाने से लाभ होता है।
21. पानी: ठंडे पानी की सिर पर धार बांधकर डालने से नकसीर (नाक खून का गिरना) बंद हो जाता है।
22. बरगद: नाक से खून के बहने पर जटा के बारीक पाउड़र 3 ग्राम तक दूध की लस्सी के साथ पिलाने से फायदा होता है।
23. तिल: कालीमिर्च या अजवाइन का तेल गर्म करके पेट पर मलने से या नाक में मलने से बंद नाक खुल जाती है।
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